क्रिया हिंदी व्याकरण | Kriya और इसके भेद

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क्रिया हिंदी व्याकरण, Kriya और इसके भेद

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क्रिया :-

क्रिया किसे कहतें हैं ?

हिंदी में क्रिया क्या होती हैं ?

हिंदी व्याकरण में क्रिया क्या होती हैं ?


● वे शब्द, जिनके द्वारा किसी कार्य का करना या होना पाया जाता है, उन पदों को क्रिया  पद कहते हैं।

● संस्कृत में क्रिया रूप को धातु कहते हैं। हिन्दी में उन्ही के  साथ ‘ना’ लग जाता है 

जैसे :- लिख से लिखना, हँस से हँसना।

हिंदी व्याकरण में क्रिया के प्रकार

क्रिया कितने प्रकार की होती है?

हिन्दी में क्रिया कितने प्रकार की होती हैं?

● कर्म, प्रयागे तथा सरंचना के आधार पर क्रिया के विभिन्न भेद किए जाते हैं :-

1.कर्म के आधार पर :-


कर्म के आधार पर हिंदी व्याकरण में क्रिया कितने प्रकार की होती हैं ?

कर्म के आधार पर हिन्दी व्याकरण में क्रिया के कितने भेद होतें हैं ?

● कर्म के आधार पर क्रिया के मुखयतः दो भेद किए जाते हैं :-

  1. अकर्मक क्रिया (2) सकर्मक क्रिया


(1) अकर्मक क्रिया :-


अकर्मक क्रिया क्या होती हैं ?

अकर्मक किसे कहते हैं ?

● वे क्रियाएँ जिनके साथ कर्म प्रयुक्त नहीं होता तथा क्रिया का प्रभाव वाक्य में प्रयुक्त कर्ता पर पडत़ा है, उसे अकर्मक क्रिया कहतें हैं।

जैसे :- कुत्ता भोंकता हैं। 
          कवि हँसती हैं। 
          पीना सोती हैं। 
          बच्चा रोता हैं। 
          रामदेव बैठा हैं।

(2) सकर्मक क्रिया :-


सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं ?

सकर्मक क्रिया क्या होती है ?

● वे क्रियाएँ, जिनका प्रभाव वाक्य में प्रयुक्त कर्ता पर न पड़ कर कर्म पर पडत़ा है। 

● अर्थात् वाक्य में क्रिया के साथ कर्म भी प्रयुक्त हो, उन्हें सकर्मक क्रिया कहते हैं। 

जैसे :- सुभशिव दूध पी रहा हैं। 
         प्रियल खाना बना रही हैं। 

सकर्मक क्रिया कितने प्रकार की होती है ?

सकर्मक क्रिया के कितने भेद होते है ?

● सकर्मक क्रिया के दो उपभेद किये जाते हैं:-

(I) एक कर्मक क्रिया :- 


● जब वाक्य में क्रिया के साथ एक कर्म प्रयुक्त हो तो उसे एक कर्मक क्रिया कहते हैं।  

जैसे- मनु भोजन कर रहा है।

(II) द्विकर्मक क्रिया :- 


● जब वाक्य में क्रिया के साथ दो कर्म प्रयुक्त हुए हो तो उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं। 

जैसे :- अध्यापक जी छात्रों को भगूोल पढा़ रहे हैं। 

● इस वाक्य में ‘पढा़ रहे हैं' क्रिया के साथ ‘छात्रों' एवं ‘भूगोले’ दो कर्म प्रयुक्त हुए हैं। अतः ‘पढा़ रहें हैं' द्विकर्मक क्रिया है।


2. प्रयोग तथा सरंचना के आधार पर :-


प्रयोग तथा संरचना के आधार पर क्रिया क्या होती है ?

प्रयोग तथा संरचना के आधार पर क्रिया किसे कहते है ?

प्रयोग तथा संरचना के आधार पर क्रिया कितने प्रकार की होती है ?

● वाक्य में क्रियाओं का प्रयोग कहाँ किया जा रहा है, किस रूप में किया जा रहा है, इसके आधार पर भी क्रिया के निम्न भदे होते हैं :-

(1) सामान्य क्रिया :-


सामान्य क्रिया क्या होती है ?

सामान्य क्रिया किसे कहते है ?


● जब किसी वाक्य में एक ही क्रिया का प्रयोग हुआ हो, उसे सामान्य क्रिया कहते हैं। 

जैसे - रवि जाता है। नेहा आई।

(2) संयुक्त क्रिया :-


संयुक्त क्रिया क्या होती है ?

संयुक्त क्रिया किसे कहते है ?


● जो क्रिया दो या दो से अधिक भिन्नाथर्क क्रियाओं के मेल से बनती हैं, उसे संयुक्त क्रिया कहते हैं। 

जैसे :- जया ने खाना बना लिया। राज ने खाना खा लिया।

(3) प्रेरणार्थक क्रिया :- 


प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते है ?

प्रेरणार्थक क्रिया क्या होती है ?


● वें क्रियाएँ, जिन्हें कर्ता स्वयं न करके दूसरों को क्रिया करने के लिए प्रेरित करता है, उन क्रियाओं को प्रेरणाथर्क क्रिया कहते हैं। 

जैसे :- सुभशिव, सुनील  से पत्र लिखवाता हैं। कविता सविता से पत्र पढ़वाती हैं। 

(4) पर्वूकालिक क्रिया :-


पूर्वकालिक क्रिया क्या होती है ?

पूर्वकालिक क्रिया किसे कहते है ?


● जब किसी वाक्य में दो क्रियाएँ प्रयुक्त हुई हों तथा उनमें से एक क्रिया दूसरी क्रिया से पहले सम्पन्न हुई हो तो, पहले सम्पन्न होने वाली क्रिया पूर्व कालिक क्रिया कहलाती है।

जैसे- सुनील किताब पढ़कर सो गया। 

● यहाँ सोने से पूर्व पढ़ने का कार्य हो गया अतः 'पढ़कर' क्रिया पूवर्कालिक क्रिया कहलाएगी।

नोट :- किसी मूल धातु के साथ ‘कर’ या ‘करके’ लगाने से पूवर्कालिक क्रिया बनती है।

(5) नाम धातु क्रिया :-


नाम धातु क्रिया क्या होती है ?

नाम धातु क्रिया किसे कहते है ?


● वे क्रिया पद, जो संज्ञा, सवर्नाम, विशेषण आदि से बनते हैं, उन्हें नामधातु क्रिया कहते हैं।

जैसे :- रंगना, लजाना, अपनाना, गरमाना, चमकाना, गदुगदुाना।

(6) कृदन्त क्रिया :- 


कृदंत क्रिया किसे कहते है ?

हिंदी व्याकरण में कृदंत क्रिया क्या होती है ?


● वें क्रिया पद जो क्रिया शब्दो के साथ प्रत्यय लगने पर बनते हैं, उन्हें कृदन्त क्रिया पद कहते हैं। 

जैसे :- चल से चलना, चलता, चलकर। लिख से लिखना, लिखता, लिखकर।

(7) सजातीय क्रिया :-


सजातीय क्रिया किसे कहते है ?

सजातीय क्रिया क्या होती है ?


● वे क्रियाएँ, जहाँ कर्म तथा क्रिया दोनों एक ही धातु से बनकर साथ प्रयुक्त होती हैं। सजातीय क्रिया कहलाती है। 

जैसे :- भारत ने लड़ाई लड़ी।

(8) सहायक क्रिया :-


सहायक क्रिया क्या होती है ?

सहायक क्रिया किसे कहते है ?


● किसी भी वाक्य में मूल क्रिया की सहायता करने वाले पद को सहायक क्रिया कहते हैं।

जैसे :- सुभशिव पढ़ता है। 
     मनु ने अपनी पुस्तक मेज पर रख दी है।

● उक्त वाक्यों में 'हैं' तथा ‘दी हैं' सहायक क्रियाएँ हैं।

3. काल के अनुसार :-


हिंदी व्याकरण में काल के अनुसार क्रिया क्या होती है ?


● जिस काल में कोई क्रिया होती है, उस काल के नाम के आधार पर क्रिया का भी नाम रख देते हैं। 


हिंदी व्याकरण में काल के अनुसार क्रिया कितने प्रकार की होती है ?

● अतः काल के अनुसार क्रिया तीन प्रकार की होती है:-

(1) भूतकालिक क्रिया :-


भूतकालिक क्रिया किसे कहते हैं?

भूतकालिक क्रिया क्या होती हैं ?


क्रिया का वह रूप, जिसके द्वारा बीते समय में कार्य के सम्पन्न होने का बोध होता है। भूतकालिक क्रिया कहलाती है।

जैसे : - सुभशिव पुस्तक पढ़ रहा था।
           नेहा गयी ।

(2) वर्तमान कालिक क्रिया :-


वर्तमान कालिक क्रिया किसे कहतें हैं ?

वर्तमान कालिक क्रिया क्या होती हैं ?


क्रिया का वह रूप, जिसके द्वारा वर्तमान समय में कार्य के सम्पन्न होने का बोध होता है। वर्तमान कालिक क्रिया कहलाती है।

जैसे :- सरोज गाना गाती हैं। 
         आरती खाना बना रही हैं।

(3) भविष्यकालिक क्रिया :-


भविष्यकालिक क्रिया क्या होती हैं?

भविष्यकालिक क्रिया किसे कहतें हैं ?


क्रिया का वह रूप, जिसके द्वारा आने वाले समय में कार्य के सम्पन्न होने का बोध होता हैं। भविष्यकालिक क्रिया कहलाती है।

जैसे :- रितु कल जोधपुर जायेगी। 
          सुभशिव पत्र लिखेगा।

हिंदी व्याकरण क्रिया विकिपीडिया

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2 टिप्पणियाँ

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